पूर्व प्रकाशित अंक

वर्ष 2018
वर्ष 3, अंक 33, जनवरी 2018
वर्ष 3, अंक 34-35, फरवरी-मार्च 2018, सयुंक्त
वर्ष 4, अंक 36-37, अप्रैल-मई 2018, सयुंक्त
वर्ष 4, अंक 38, जून 2018, 21वीं सदी विशेषांक
वर्ष 4, अंक 39, जुलाई 2018
वर्ष 4, अंक 40, अगस्त 2018
वर्ष 4, अंक 41, सितंबर 2018, साक्षात्कार विशेषांक
वर्ष 4, अंक 42-43, अक्टूबर-नवंबर 2018, सयुंक्त
वर्ष 4, अंक 44, दिसंबर 2018

वर्ष 2017

 वर्ष 2, अंक 23, जनवरी-मार्च सयुंक्त अंक, 2017
 वर्ष 2, अंक 24, अप्रैल 2017
 वर्ष 3, अंक 25-26, मई-जून सयुंक्त 2017
​वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर सयुंक्त 2017 
​वर्ष 3, अंक 30-32 अक्टूबर-दिसंबर सयुंक्त 2017 




वर्ष 2016

वर्ष 1, अंक 11, जनवरी 2016
वर्ष 1, अंक 12, फरवरी 2016
वर्ष 1, अंक 13, मार्च 2016, 'विदेशी भाषा कविता विशेषांक'
वर्ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016, 'बाबा साहब अम्बेडकर समर्पित अंक'
वर्ष 2, अंक 15, मई 2016, 'जल विशेषांक'
वर्ष 2, अंक 16-17, जून-जुलाई सयुंक्त अंक, 2017
वर्ष 2, अंक 18, अगस्त 2016, 'थर्ड जेंडर विशेषांक'
वर्ष 2, अंक 19-20, सितंबर-अक्टूबर 2016, हिंदी पत्रिका विशेषांक
वर्ष 2, अंक 21, नवम्बर 2016, 'लोकभाषा विशेषांक, भाग-1' [छत्तीसगढ़ी, अवधि]
वर्ष 2, अंक 21, नवम्बर 2016, 'लोकभाषा विशेषांक, भाग-1' [छत्तीसगढ़ी, अवधि]
वर्ष 2, अंक 22, दिसंबर 2016



वर्ष 2015

वर्ष 1, अंक 1, मार्च 2015
वर्ष 1, अंक 2, अप्रैल 2015
वर्ष 1, अंक 3, मई 2015
वर्ष 1, अंक 4, जून 2015
वर्ष 1, अंक 5, जुलाई 2015
वर्ष 1, अंक 6, अगस्त 2015, बुजुर्ग विशेषांक
वर्ष 1, अंक 7, सितंबर 2015
वर्ष 1, अंक 8, अक्टूबर 2015
वर्ष 1, अंक 9, नवम्बर 2015
वर्ष 1, अंक 10, दिसंबर 2015


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विषय सूची अंक अप्रैल 2017, अंक 24



विषय सूची



साहित्यिक विमर्श (कविता, नवगीत, कहानी, लघु-कथा, व्यंग्य, ग़ज़ल, संस्मरण, आत्मकथा, पुस्तक समीक्षा, आप बीती, किस्से कलम के)

कविता

अनिल अनलहातु, अंजू जिंदल, डॉ. प्रमोद पाण्डेय, डॉ. पुष्पलता, दुर्गेश वर्मा, गरिमा कांसकर, गौरव गुप्ता, पूजा, पुरुषोत्तम व्यास, राजकुमार जैन, सत्या श्याम ‘कीर्ति’, शशांक पाण्डेय, सुबोध श्रीवास्तव



ग़ज़ल

टिकेश्वर प्रसाद जंघेल, विश्वंभर पाण्डेय ‘व्यग्र’



कहानी

· लेन-देन (सिंधी कहानी)[मूल- मोतीलाल जोतवानी, अनुवाद- देवी नागरानी]

· बदलता परिवेश: राजेश कुमार ‘मांझी’

· वो उर्दू वाली गर्ल: शक्ति सार्थ्य



लघुकथा

· आस्था का किनारा: अरुण गौड़

· पहचान: विजयानंद विजय

पुस्तक समीक्षा

· आईना-दर-आईना[डी.एम.मिश्र]:समीक्षक: अनिरुद्ध सिन्हा

· जमाने में हम [आत्मकथा: निर्मला जैन]: एक जमाना ऐसा भी रहा- समीक्षक: एमरेन्सिया खालखो

· एक और आवाज़: मनीषा



व्यंग्य

· नागनाथ सांपनाथ का चुनावी उत्सव: एम.एम.चंद्रा

· संसद में अद्भुत दलित चिंतन: ओमवीर करण

· धर्मवीर कर्मवीर से लेकर बयानवीर तक: राकेश वीरकमल



हाईकू

· आनंद बाला शर्मा





कला- विमर्श

· मिथिला के लोकगीत में प्रतिबिंबित मैथली स्त्री के स्वर: प्रियंका कुमारी

· हिंदी सिनेमा में पारिवारिक मूल्य: निर्मल सुवासिया

· सार्थक, समानांतर या कलात्मक सिनेमा: इदरीस खत्री

· पंडवानी की वैदमती और कापालिक शैलियों का नया अध्ययन: पूजा रानी

· रोमां सियाम हिप-हॉप बैंड: रोमां संस्कृति के रक्षक [मूल आलेख: डॉ. ऐना सात्येल्या]: अनुवाद: लतिका चावड़ा



मीडिया- विमर्श

· मालवांचल की हिंदी पत्रकारिता की विकास यात्रा और पं. सूर्यनारायण व्यास: डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा

· आपातकाल में लघु पत्रिकाओं की भूमिका: एक विश्लेषण- निकिता जैन

· मीडिया में हिंदी: पवन कुमार





दलित एवं आदिवासी- विमर्श

· कोयतूर/गोंड, दोरला और बैगा आदिवासियों के संघर्षों के संदर्भ में मुद्दे, भिन्न संघर्षों के रूप और आयामों में भिन्नता-एक अवलोकन: तुषार कांति

· अरुणाचल की अपातानी जनजाति की जीवन शैली और लोकव्यवहार: वीरेन्द्र परमार

· आदिवासी जीवन का संत्रास: ग्लोबल गाँव का देवता’- चरंजीलाल

· आदिवासी समाज और समकालीन हिंदी कहानी: दीप प्रकाश

· समकालीन हिंदी दलित कविता का यथार्थवादी पक्ष: शिराजोदीन

· प्रो. तुलसीराम की आत्मकथा मुर्दहिया का सामाजिक विश्लेषण: प्रदीप कुमार



स्त्री- विमर्श

· बौद्ध धर्म और थेरी गाथाएं- स्त्री मुक्ति का युगांतकारी दस्तावेज: डॉ. हर्ष बाला शर्मा

· भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका: सुबोध कुमार गुप्ता

· मेहरुन्निसा परवेज़ की कहानियों में आदिवासी स्त्री: आरती

· वैदिक साहित्य में स्त्री महिमामंडन का सच: चित्रलेखा अंशु

· ‘स्त्री-मुक्ति की राहें’ सपने और हकीकत: डॉ. रामचंद्र पाण्डेय

· स्त्री मुक्ति का भारतीय एवं पाश्चात्य संदर्भ: मनीश कुमार शुक्ला

· ‘धूल पौधों पर’: नारी संघर्ष- मुख्त्यार सिंह

· भूमंडलीकरण और स्त्री विमर्श: पूजा तिवारी

· लोकगीत में व्यक्त नारी की अंतर्वेदना: प्रेरणा जानी ‘प्रीत’



बाल- विमर्श

· जयनंदन की रचनाओं में बाल-पात्र: डॉ. गोपाल प्रसाद



भाषिक- विमर्श

· राजभाषा हिंदी: समृद्ध इतिहास और भावी चुनौतियाँ: डॉ. के. आर. महिया एवं डॉ. विमलेश शर्मा

· साहित्य में भाषा शिक्षण की उपादेयता: डॉ. धीरेन्द्र सिंह

· खड़ी बोली हिंदी के विकास में फोर्ट विलियम कॉलेज का योगदान: डॉ. शिप्रा किरण

· आधुनिक समय में भाषा का महत्त्व: प्रो. रीना ढिल्लो

· राष्ट्रभाषा हिंदी और जनपदीय बोलियाँ: सुरेखा शर्मा



शिक्षा- विमर्श

· भूमंडलीकरण और भारतीय भाषा शिक्षण: मनीष खारी

· पढ़-लिखकर बीरबल होने से बेहतर है, न पढ़कर अकबर होना: राजीव कुमार



समसामयिक विषय

· शांति और सुरक्षा की चुनौतियाँ (भारत के माओवाद प्रभावित राज्यों का एक अध्ययन) : अम्बिकेश कुमार त्रिपाठी

· पानी के लिए हथियार नहीं, हाथ बढ़ाइए: मनोज कुमार

· इस खूबसूरत गृह को बचाना ही होगा (पर्यावरण चिंतन): संदीप तोमर

· गंदी बस्ती: विकास को मुंह चिढाती झुग्गियां: निष्ठा प्रवाह

· समकालीन कविता के सरोकार: बृजेश नीरज



शोध आलेख

· राजेश जोशी की कहानियों में मध्यवर्ग (संदर्भ ‘मेरी चुनिंदा कहानी’): प्रियंका गुप्ता

· अमरकांत की कहानी कला और मध्यवर्ग: पीयूष राज

· ‘मैं पायल’: किन्नर जीवन की व्यथा, विस्थापन और संघर्ष का दस्तावेज: पार्वती कुमारी

· पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण और जैनेंद्र (विशेष संदर्भ-‘पत्नी’ कहानी): आदित्य कुमार गिरि

· ECR श्रेणी के प्रवासित श्रमिकों हेतु भारत सरकार के कार्यक्रमों का समीक्षात्मक अध्ययन: अखिलेश कुमार सिंह

· साहित्य और सत्ता का संबंध: आलोक कुमार यादव

· साहित्य के अध्ययन में तुलनात्मक साहित्य की भूमिका: अमृत कुमार

· ‘स्वर्ग विराग’ कश्मीर के दर्द को दर्शाती कविताएं: अमतुल राबिया

· महात्मा गाँधी की दृष्टि में स्त्री: आशीष कुमार

· भूमंडलीकरण के दौर के हिंदी उपन्यासों में मूल्य संक्रमण: भानु प्रताप प्रजापति

· भक्ति आंदोलन में वैश्विक एकता के सूत्र: भारती

· पर्यटन के सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकार ‘किन्नर देश में’: डॉ. स्नेहलता नेगी

· मेवात की सांस्कृतिक झलक: डॉ. रूपा सिंह

· ‘महामिलन’ उपन्यास में चित्रित यथार्थ: कुलदीप

· हिंदी काव्य में सामाजिक स्वरूप का प्रतिबिम्ब: नीरज कुमार सिन्हा

· विसंगातिबोध के कहानीकार अमरकांत: प्रदीप त्रिपाठी

· कबीर का सौन्दर्यबोध और परिष्कृत समाज: राकेश डबरिया

· विमर्शों के आलोक में शिवमूर्ति का साहित्य: रहीम मियाँ

· दक्षिण भारत में हिंदी और लोक साहित्य: डॉ. उर्मिला पोरवाल



साक्षात्कार

· मैत्रयी पुष्पा जी से डॉ. वंदना कुमार एवं राजेन्द्र कुमार की बातचीत

· श्री रामगोपाल भारतीय जी से देवी नागरानी की बातचीत (दलित साहित्य के यक्ष प्रश्न)

· युवा व्यंग्यकार आरिफा एविस से वरिष्ठ व्यंग्यकार अनूप शुक्ल की बातचीत



अनुवाद

· भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में अनुवाद की भूमिका: डॉ. मंजुश्री मैनन

· अनावृत उरोज (अनुदित इतावली कहानी)(मूल लेखक: इतैलो कैलविनो): अनुवादक: सुशांत सुप्रिय



नव-लेखन

· आयरलैंड का अंग्रेजी साहित्य: शैलेन्द्र चौहान

· सभ्यता और संस्कृति की दृष्टि से उत्तराखंड का अवलोकन: डॉ. बसुन्धरा उपाध्याय

· भूमंडलीकरण और उपन्यास: पार्वती भगवान राव देशपांडे

· फैंटेसी की अभिनव भूमिका: भरत प्रसाद





आवरण चित्र: सौरभ जखमोला
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विषय सूची अंक जनवरी- मार्च 2017



विषय सूची

साहित्यिक विमर्श (कविता, नवगीत, कहानी, लघु-कथा, व्यंग्य, ग़ज़ल, संस्मरण, आत्मकथा, पुस्तक समीक्षा, आप बीती, किस्से कलम के)

कविता

कृष्ण कल्पित, अल्का, टिकेश्वर प्रसाद जंघेल, सोनी पाण्डेय, अनुभूति गुप्ता, मुकेश कुमार, माधवी पाण्डेय, पुरुषोत्तम व्यास, प्रभात सरसिज, मनोरंजन कुमार तिवारी, सत्या शर्मा ‘कीर्ति’, कारुलाल जमड़ा, सुभाष कु. कामत, सुधेश, मोनिका अग्रवाल,



ग़ज़ल

नवीन मणि त्रिपाठी, डी. एम. मिश्र,



कहानी

· नदी का प्रवाह: रश्मि पाठक

· कुर्सी: प्रदीप कुमार साह



लघुकथा

· पर्यावरण संरक्षण: सरिता सुराणा

· छोटा-बड़ा: रतन चंद ‘रत्नेश’

पुस्तक समीक्षा

· बेवकूफी का सौंदर्य (हास्य-व्यंग्य: अनूप शुक्ल): समीक्षक- आरिफा एविस

· इस रूट की सभी लाईन व्यस्त है (काव्य संग्रह: सुशांत सुप्रिय): समीक्षक- राम पाण्डेय

व्यंग्य

· शराफत छोड़ दी मैंने: विवेक रंजन श्रीवास्तव

· दिल कहता है कि नेता न कर न कर (सामयिक घटनाक्रम पर व्यंग्यात्मक आलेख): सविता मिश्रा



किस्से कलम के

· कवि, आलोचक शैलेंद्र चौहान: कामेश्वर त्रिपाठी



कला- विमर्श

· भारतीय बुद्धिष्ट रंगमंच और नयी सांस्कृतिक चेतनाएं: विरेंद्र गणवीर

· ब्रज के संस्कार लोक गीतों में निहित नारी वेदना: डॉ. बौबी शर्मा

· लोकनाट्यों की सार्थकता: गोविन्द यादव

· हिंदी साहित्य और सिनेमा: अजय कुमार चौधरी

· दलितों की कथा को अभिव्यक्त करती फ़िल्म शुद्रा द रायिसिंग स्टार: फ़िल्म समीक्षा- तेजस पूनिया



मीडिया- विमर्श

· विज्ञापन वस्तु के रूप में महिला: टेलीविज़न की बदलती संस्कृति- रजनी



दलित एवं आदिवासी- विमर्श

· जाति विद्वेष की लपटों से जूझता ओमप्रकाश वाल्मीकि का बचपन: जूठन आत्मकथा के विशेष सन्दर्भ में- लक्ष्मी प्रसाद कर्ष

· अम्बेडकर दर्शन और झूठन: डॉ. सुमन सिंह

· आदिवासी नारी के संघर्ष की जीवंत दास्तां ‘अल्मा कबूतरी’: डॉ. विशाखा बिस्सा

· जनजातीय समाज और आधुनिक शिक्षा का परिप्रेक्ष्य: धर्मवीर यादव ‘गगन’

· शोषण, संघर्ष और न्याय से संघर्ष करती: धार- रवि शंकर शुक्ल



स्त्री- विमर्श

· हिंदी आत्मकथाओं में नारी विमर्श: डॉ.अनुपमा

· आर्थिक दुर्बलता के कारण सामंती व्यवस्था का शिकार होती दलित स्त्रियाँ: माधनुरे श्यामसुंदर

· भारतीय नवजागरण और स्त्री हस्तक्षेप: डॉ. संध्या प्रेम एवं उर्मिला कुमारी

· मैत्रयी पुष्पा की कहानियों में व्यक्त नारी समस्याएं: प्रो. हेमल बहन एम. व्यास

· ‘वज्रमणि’ उपन्यास में नारी चेतना: अरुण कुमार निषाद

· ‘आज बाज़ार बंद है’ में महिलाओं की दारुण दशा: दिलना के.

· प्रेमचंद की नारी दृष्टि: हेमलता गुप्ता

· वैष्णव भक्त मीरा के काव्य में स्त्री विमर्श: निर्मल सिंह

· विद्यानिवास मिश्र के निबंधों में पारंपरिक नारी स्वर: सत्यप्रकाश तिवारी



बाल- विमर्श

· हिंदी कथा साहित्य में बालकों की सामाजिक समस्या अशिक्षा का वर्णन: विश्लेष्णात्मक अध्ययन- मनीष खारी

· बच्चे का मन तो नहीं बीमार: अभिषेक कांत पाण्डेय भड्डरी



भाषिक- विमर्श

· हिंदी भाषा शिक्षण हेतु वेब आधारित सामग्री का मूल्यांकन: संजय कुमार



शिक्षा- विमर्श

· मुस्लिम परिवारों में स्त्री शिक्षा: अंजुम

· विद्यार्थी को पतन की ओर ले जाती माता-पिता की महत्वाकांक्षा: पंकज ‘प्रखर’









समसामयिक विषय

· माओवादी हिंसा: इतिहास, दर्शन, मनोविज्ञान और परिणाम: अम्बिकेश कुमार त्रिपाठी

· सत्य, सत्याग्रह, शूद्र, दलित और भारतीय नैतिकता: संजय जोठे

· नोटबंदी सफल या असफल एक पुनरावलोकन: शौभा जैन

· अमेरिका की कवयित्रियों की मनोभूमि: डॉ. अनिता कपूर (केलिफोर्निया)

· साम्प्रदायिकता का संदर्भ और कितने पाकिस्तान: आलोक कुमार सिंह

· “This is the most dangerous time for our planet” लेख के माध्यम से वर्त्तमान पर्यावरण इत्यादि की समस्या का आंकलन: राजकुमार झांझरी

· आधी आबादी का आरक्षण और विवाद: राकेश कुमार









शोध आलेख

· हंस की दृष्टि और हिंदी का ‘नारीवाद’: संजीव कुमार

· नक्सलबाड़ी की सांस्कृतिक चेतना और वेणुगोपाल: प्रियंका कुमारी

· फाँस : उपेक्षित भारतीय किसान की मूक चीख: राजश्री सिंह

· हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता का समकाल: आबिद हुसैन

· साहित्य और साहित्य-सिद्धांतों की आवश्यकता: डॉ. शिप्रा किरण

· प्राचीन भारतीय इतिहास में विकास की अवधारणा : मौर्य और गुप्त काल के विशेष संदर्भ में- प्रदीप कुमार मिश्रा

· साहित्येतिहास इतिहास या साहित्य: रीता दुबे

· प्रयोग और प्रगतिशीलता के आलोक में शमशेर: ललन कुमार

· ‘आर्थिक दुर्बलता के कारण सामंती व्यवस्था का शिकार होती दलित स्त्रियाँ’ (हिंदी मराठी दलित उपन्यासों के संदर्भ में): माधनुरे श्यामसुंदर

· बाल्मीकि: प्रदत्त व्यापक ज्ञान- डॉ. नीलाक्षी जोशी

· भक्तिकाल में निम्नवर्ग का योगदान: विजय

· भीष्म साहनी का उपन्यास: सृजन और सन्दर्भ- देविंदर सिंह

· मानव मूल्य और मोहन राकेश का साहित्य: नवमी एम.

· मुर्दहिया: दलित साहित्य का समाजशास्त्र- परषोत्तम कुमार

· हिंदी के मुस्लिम उपन्यासकारों के उपन्यासों में चित्रित व्यक्ति और समाज: एक अनुशीलन- कामिनी

· मध्यकालीन गुजराती मुस्लिम-संत की हिंदी-वाणी

· और समसुद्दीन बाबा की प्रासंगिकता - डॉ. सोमाभाई पटेल

· स्त्री वेदना के अनुद्घाटित पक्ष –अभिज्ञानशाकुन्तलम् डॉ के. आर .माहिया एवं डॉ विमलेश शर्मा

· रघुवीर सहाय की काव्य दृष्टि: डॉ. नवाब सिंह

· समसामायिक समस्याओं के केंद्र में रतिनाथ की चाची: सरसिज कुमार सिंह

· भारतेंदुयुगीन नाटकों की आलोचना: विनय कुमार गुप्ता

· जाम्भोजी का मानवीय मूल्य, समाज बोध और सबदवाणी -डॉ. मोहसिन ख़ान

· आत्मकथा का विकास: जगदीश सिंह

· पूर्वोत्तर भारत का लोकसाहित्य और उसकी विशेषताएँ: वीरेन्द्र परमार

· भक्ति आंदोलन और देवीशंकर अवस्थी की आलोचना दृष्टि: विजय कुमार गुप्ता

· ‘नौकर की कमीज': एक आलोचनात्मक अध्ययन- नीरज कुमार चौधरी

· नयी कविता और लघु मानव का सिद्धांत: अनिरुद्ध कुमार यादव



साक्षात्कार

· डॉ. सुशीला टाकभौरे जी से राजेंद्र कुमार की बातचीत







अनुवाद

· सामाजिक-सांस्कृतिक बदलाव में अनुवाद की भूमिका: रक्षा कुमारी झा

· दुनिया का सबसे रूपवान डूबा हुआ आदमी (अनुदित लातिनी अमेरिका कहानी)(मूल लेखक: मार्खेज़): अनुवादक: सुशांत सुप्रिय



नव-लेखन

· राजस्थान के सुरक्षा प्रहरी दुर्ग: डॉ. चित्रा तंवर

· जियो उस प्यार में जो मैंने तुम्हे दिया है- अज्ञेय: डॉ. विनायक काले

· अज्ञेय परिचय: सूरज कुमार प्रसाद



प्रवासी साहित्य

· प्रवासी एवं भारतीय महिला कथा साहित्य में नारी उत्पीडन एवं सशक्तिकरण: सोनिया माला





आवरण चित्र: अशोक भौमिक
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विषय सूची, अंक 22 दिसंबर



विषय सूची


साहित्यिक विमर्श (कविता, नवगीत, कहानी, लघु-कथा, व्यंग्य, ग़ज़ल, संस्मरण, आत्मकथा, पुस्तक समीक्षा, आप बीती, किस्से कलम के)

कविता

विभा परमार, तेजस पूनिया, अरुण देव, अरविंद अवस्थी, आशा पाण्डेय, ध्रुव गुप्त, गौरव गुप्ता, ईश्वर, माला झा, मंगलेश डबराल, मसूद अख्तर, प्रज्ञा, सरला महेश्वरी, सुशांत सुप्रिय, विकास द्विवेदी, विरेंदर भाटिया



नवगीत

शिवानंद सहयोगी



ग़ज़ल

नवीन मणि त्रिपाठी, डॉ. राकेश जोशी



कहानी

मिट्टी: डॉ. लवलेश दत्त

सात मिनट (मूल कहानी: मुस्तफ़ा करीम)(उर्दू): अनुवादक- डॉ. मोहसिन खान

गुड्डों की विदाई: वर्षा पंवार



लघुकथा

करवा व्रत: डॉ. सुरेखा शर्मा

अपने-अपने एक्वेरियम: विजयानंद विजय



पुस्तक समीक्षा

घुमंतू समुदाय का वृत्तांत ‘रेत’ (उपन्यास- भगवानदास मोरवाल): समीक्षक- भरत

मुक्ति और अन्य कहानियाँ (कहानी संग्रह- राजेन्द्र वर्मा): समीक्षक- नसीम साकेती

छंद-लय की ताक में (कैलाश नारायाण तिवारी की रचनाएँ): समीक्षक- नेहा मिश्रा



व्यंग्य

गोद में गाँव, शहर बने स्मार्ट: आरिफा एविस

परसाई: उत्पीड़ित, शोषित अवाम की आवाज़: एम.एम. चंद्रा



संस्मरण

छोटे शहर का बड़ा लेखक: ह्रदयेश- मूलचंद गौतम



किस्से कलम के

कुर्रतुल एन हैदर : शैलेन्द्र चौहान





कला- विमर्श

On screen male sexuality and women spectators: semiotic analysis of Hindi Contemporary Cinema- Rahul Chanda

साहित्य, समाज और सिनेमा: डॉ. पुनीत बिसारिया

नुक्कड़ नाटक और शिवराम: शिव कुमार वर्मा

वर्तमान नेताओं की खुदगर्जी और स्तरहीनता का प्रतीक: शुतुरमुर्ग (नाटक)- डॉ. सोमाभाई पटेल



मीडिया- विमर्श

विज्ञापन वस्तु के रूप में महिला: टेलीविज़न की बदलती संस्कृति- रजनी



दलित एवं आदिवासी- विमर्श

आदिवासियों की छटपटाहट एवं उनके समाज की चुनौतियाँ: आशीष कुमार

भक्त रविदास की वाणी में दलित चेतना का स्वरूप: डॉ. आनंद कुमार यादव

दलित साहित्य के प्रतिमान: संजय आटेडिया

नरेंद्र कोहली कृत ‘दीक्षा’ में दलित चेतना: सरोज बैरड

ओमप्रकाश वाल्मीकि का साहित्यिक योगदान: विनय कुमार गुप्ता



स्त्री विमर्श

साहित्य लेखन के संदर्भ में स्त्री अस्मिता: एक चिंतन- दर्शना जी वैश्य

व्यावसायिक कुमांउनी गीतों में सशक्त होती स्त्री की छवि का अध्ययन: दिव्या पाठक



बाल विमर्श

नीति कथा (बाल कथा): सुदर्शन वशिष्ठ

ऋतुएँ कौन बदलता है माँ (बाल कविता): उमेश चंद्र सिरवारी



शिक्षा विमर्श

समाज कार्य एक व्यवसाय एवं शिक्षा के रूप में: गौरव कुमार



समसामयिक विमर्श

राज्य हिंसा पर विचार: क्या भारत एक हिंसक राज्य है?- अम्बिकेश कुमार त्रिपाठी

मुस्लिम महिला: विवाह, तलाक और भविष्य- डॉ. सदफ़ खान

बैंकिंग क्षेत्र में नया क्षितिज:ई-बैंकिंग: डॉ. बिंदिया

निर्मला भुराड़िया का ‘गुलाम मंडी’: किन्नर समाज के अनछुए हिस्से का संस्पर्श (किन्नर विमर्श के विशेष संदर्भ में) : डॉ. किरण ग्रोवर

अपराध: डॉ. प्रतिभा पाण्डेय

मौखिक इतिहास स्रोत एवं लेखन: डॉ. राकेश मोहन नौटियाल





शोध आलेख

असम का लोकसाहित्य: वीरेंद्र परमार

प्रेमचंद का संस्कृति चिंतन: निबंधों के वातायन से- ललन कुमार

नागार्जुन के उपन्यासों में जन आंदोलन: अजय कुमार चौधरी

हिंदी साहित्य लेखन: विविध आयाम एवं चुनौतियाँ (बीसवीं सदी के महिला उपन्यासकारों के संदर्भ में): डॉ. भारत भूषण

आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हजारी प्रसाद द्विवेदी के संदर्भ में नामवर सिंह और रामस्वरूप चतुर्वेदी द्वारा ‘दूसरी परंपरा की खोज का मूल्यांकन’: अनामिका दास

कर्नल गैब्रियल गार्सिया मार्खेज और उपन्यास ‘एकांत के सौ वर्ष’: धर्मवीर यादव गगन

इतिहासबोध और गांधी (विशेष संदर्भ- हिंद स्वराज): डॉ. प्रकाशचंद्र भट्ट

प्रेमचंद के उपन्यासों में चित्रित मध्यम वर्ग: निदा

रामविलास शर्मा की दृष्टि में प्रेमचंद: गुड़िया कुमारी

हरीश्चन्द्र पाण्डेय: 21वीं सदी में सहजता का कवि- अनिल कुमार यादव

जल ही जीवन है: ‘रक्षत गंगाम’ महाकाव्य के आलोक में- अरुण कुमार निषाद

हिंदी लेखक श्रीलाल शुक्ल: व्यक्ति एवं रचना- डॉ. ए.सी.वी. रामकुमार

सल्तनत को सुनो गाँववालों- डॉ. गोपाल प्रसाद ‘निर्दोष’

रसखान के काव्य में प्रेम तत्व: डॉ. सुधीर ग वाघ

बाबा नागार्जुन और विश्वविद्यालयों में हिंदी पाठ्यक्रम: मुलायम सिंह



साक्षात्कार

लन्दन के बहुचर्चित प्रवासी साहित्यकार तेजेंद्र शर्मा जी डॉ. सुमन सिंह की बातचीत

अखिलेश द्विवेदी द्वारा संदीप तोमर का साक्षात्कार



अनुवाद

अनुवाद: प्रक्रिया, क्षेत्र, प्रकार तथा उपयोगिता: प्रितेंद्र कुमार मालाकार



नव-लेखन

केरलीय संस्कृति का महापर्व ‘ओणम’: काव्यश्री टी.सी.

बेबसी के आंसू: राजू सुथार



प्रवासी साहित्य

हिंदी के प्रवासी साहित्य की परंपरा: स्वर्णलता ठन्ना

प्रवासी अंजना संधीर के काव्य में भारतीय जीवन: डॉ. कंचन गोयल





आवरण चित्र: दीपक यात्री



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विषय सूची लोकभाषा विशेषांक 2016



लोकभाषा विशेषांक भाग-1, विषय सूची

Vol.2, issue 21, November 2016. वर्ष 2, अंक 21, नवंबर 2016.

अवधी: संपादन- शैलेन्द्र कुमार शुक्ल


विषय-सूची

लेख

जनता द्वारा मूल्यांकित कवि हैं रमई काका! / विश्वनाथ त्रिपाठी

अवधी उपन्यास की नई रोशनी- चंदावती / रवीन्द्र कात्यायन

आधुनिक अवधी काव्य में व्यंग्य / डॉ. अरविंद कुमार

अवधी सम्राट पं. बंशीधर शुक्ल को याद करते हुए / राहुल देव

शिवमूर्ति की कहानियों की संरचना में अवध-लोक / प्रदीप त्रिपाठी

अवधी लोकगीतों में वर्णित स्त्री समस्या का अध्ययन / अंशु यादव



कवितई

बजरंग बिहारी बजरू

भारतेन्दु मिश्र

रामशंकर वर्मा

संतोष त्रिवेदी

चंद्रप्रकाश पाण्डेय

ओमप्रकाश तिवारी

प्रदीप शुक्ल

अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी

आशाराम ‘जागरथ’

कुमार अरविंद

इंद्रेश भदौरिया

राहुल देव

राघव देवेश



बतकही

अवधी कै प्रतिष्ठित कवि चतुर्भुज शर्मा से भारतेन्दु मिश्र कै बतकही

बतकहीं : डॉ. श्यामसुन्दर मिश्र “मधुप” से बातचीत पर आधारित एक संक्षिप्त प्रस्तुति..!



डायरी

यक अवधिया केरी डायरी से..अमरेन्द्रनाथ त्रिपाठी



उपन्यास



फिरोजी अंधियाँ : हुस्न तबस्सुम ‘निहाँ'


छत्तीसगढ़ी: संजीव तिवारी 

विषय सूची



संपादकीय: संजीव तिवारी


आलेख

छत्तीसगढ़ी साहित्य में काव्य शिल्प-छंद: रमेश कुमार सिंह चौहान

भाषा कइसना होना चही?: सुधा वर्मा



यात्रा वृतांत

वैष्णव देवी के दरसन: अजय अमृतांशु



कहानी

लहू के दीया: कामेश्वर

परसू लोहार: डॉ. पारदेशीराम वर्मा

नियाँव: डॉ. पीसीलाल यादव

दहकत गोरसी: जयंत साहू

आजंत आजंत कानी होगे: सुशील भोले

तारनहार: धर्मेन्द्र निर्मल

बेंगवा के टरर टरर: विट्ठल राम साहू ‘निश्छल’

मिटठू मदरसा (रविंद्रनाथ टैगोर की कहानी का छत्तीसगढ़ी अनुवाद): किसान दीवान



व्यंग्य

त महूँ बनेव समाज सुधारक: आनंद तिवारी पौराणिक

अपराधी आश्रम में कवि सम्मलेन: कांशीपुरी कुन्दन

छूही के ढूढा: बांके बिहारी शुक्ल

दुर्योधन काबर फेल होथे ? मूल लेखक- प्रभाकर चौबे (हिंदी): अनुवादक- दुरगा प्रसाद पारकर

आवव बियंग लिखन- संजीव तिवारी



आलेख/जीवनी

युगप्रवर्तक: हीरालाल काव्योपाध्याय- डॉ. पीसीलाल यादव



नाटक

चित्रगुप्त के इस्तीफा: नरेंद्र वर्मा



अनुवाद

विष्णु भगवान् के पदचिन्ह (Marks of Vishnu)- खुशवंत सिंह: अनुवादक: कुबेर



पद्य- कविता/गीत

डॉ. विमल कुमार पाठक

डॉ. जीवन यदु

आचार्य सरोज द्विवेदी

डॉ. पीसीलाल यादव

मुकुंद कौशल

बलदाऊ राम साहू



छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल

मुकुंद कौशल



दोहा

अरुण कुमार निगम



छत्तीसगढ़ी लोकगाथा अंश

अहिमन कैना: संकलन- संजीव तिवारी



उपन्यास अंश

आवा: डॉ. पारदेशीराम वर्मा
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जनकृति परिचय


‘जनकृति’ विमर्श केंद्रित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका है. सृजन के प्रत्येक क्षेत्र कविता, नवगीत, कहानी, लघु कथा, व्यंग्य, नाटक, सिनेमा, रंगमंच, आलोचना, समीक्षा में विमर्श को स्थापित करने के उद्देश्य से इस पत्रिका को निकाला जा रहा है. इसके अतिरिक्त पत्रिका में कई विमर्श स्तंभ है जैसे शोध विमर्श, बाल विमर्श, लोक विमर्श, सिने विमर्श, रंग विमर्श, स्त्री विमर्श, दलित एवं जनजाति विमर्श, भाषिक विमर्श, शिक्षा विमर्श एवं सम्पूर्ण विश्व में हिंदी के विकास हेतु हो रही गतिविधियों के लिए हिंदी विश्व नाम से स्तंभ रखा गया है. हम सृजन क्षेत्र से जुड़े सभी सृजनकर्मियों का पत्रिका में स्वागत करते हैं एवं आशा करते हैं कि आप विमर्श की दृष्टि से सार्थक लेखन की दिशा में हमारा सहयोग करेंगे. यह पत्रिका जहाँ एक ओर विश्व पटल पर सृजन क्षेत्र के प्रमुख हस्ताक्षरों को प्रस्तुत करती है वहीं दूसरी ओर सृजन क्षेत्र में कदम रख रहे नव लेखकों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच भी प्रदान करती है. आप सभी सृजनकर्मियों के सहयोग एवं मार्गदर्शन से यह पत्रिका सार्थक दिशा में कार्य करती रहेगी.
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