विषय सूची
साहित्यिक विमर्श (कविता, नवगीत, कहानी, लघु-कथा, व्यंग्य, ग़ज़ल, संस्मरण, आत्मकथा, पुस्तक समीक्षा, आप बीती, किस्से कलम के)
कविता
कृष्ण कल्पित, अल्का, टिकेश्वर प्रसाद जंघेल, सोनी पाण्डेय, अनुभूति गुप्ता, मुकेश कुमार, माधवी पाण्डेय, पुरुषोत्तम व्यास, प्रभात सरसिज, मनोरंजन कुमार तिवारी, सत्या शर्मा ‘कीर्ति’, कारुलाल जमड़ा, सुभाष कु. कामत, सुधेश, मोनिका अग्रवाल,
ग़ज़ल
नवीन मणि त्रिपाठी, डी. एम. मिश्र,
कहानी
· नदी का प्रवाह: रश्मि पाठक
· कुर्सी: प्रदीप कुमार साह
लघुकथा
· पर्यावरण संरक्षण: सरिता सुराणा
· छोटा-बड़ा: रतन चंद ‘रत्नेश’
पुस्तक समीक्षा
· बेवकूफी का सौंदर्य (हास्य-व्यंग्य: अनूप शुक्ल): समीक्षक- आरिफा एविस
· इस रूट की सभी लाईन व्यस्त है (काव्य संग्रह: सुशांत सुप्रिय): समीक्षक- राम पाण्डेय
व्यंग्य
· शराफत छोड़ दी मैंने: विवेक रंजन श्रीवास्तव
· दिल कहता है कि नेता न कर न कर (सामयिक घटनाक्रम पर व्यंग्यात्मक आलेख): सविता मिश्रा
किस्से कलम के
· कवि, आलोचक शैलेंद्र चौहान: कामेश्वर त्रिपाठी
कला- विमर्श
· भारतीय बुद्धिष्ट रंगमंच और नयी सांस्कृतिक चेतनाएं: विरेंद्र गणवीर
· ब्रज के संस्कार लोक गीतों में निहित नारी वेदना: डॉ. बौबी शर्मा
· लोकनाट्यों की सार्थकता: गोविन्द यादव
· हिंदी साहित्य और सिनेमा: अजय कुमार चौधरी
· दलितों की कथा को अभिव्यक्त करती फ़िल्म शुद्रा द रायिसिंग स्टार: फ़िल्म समीक्षा- तेजस पूनिया
मीडिया- विमर्श
· विज्ञापन वस्तु के रूप में महिला: टेलीविज़न की बदलती संस्कृति- रजनी
दलित एवं आदिवासी- विमर्श
· जाति विद्वेष की लपटों से जूझता ओमप्रकाश वाल्मीकि का बचपन: जूठन आत्मकथा के विशेष सन्दर्भ में- लक्ष्मी प्रसाद कर्ष
· अम्बेडकर दर्शन और झूठन: डॉ. सुमन सिंह
· आदिवासी नारी के संघर्ष की जीवंत दास्तां ‘अल्मा कबूतरी’: डॉ. विशाखा बिस्सा
· जनजातीय समाज और आधुनिक शिक्षा का परिप्रेक्ष्य: धर्मवीर यादव ‘गगन’
· शोषण, संघर्ष और न्याय से संघर्ष करती: धार- रवि शंकर शुक्ल
स्त्री- विमर्श
· हिंदी आत्मकथाओं में नारी विमर्श: डॉ.अनुपमा
· आर्थिक दुर्बलता के कारण सामंती व्यवस्था का शिकार होती दलित स्त्रियाँ: माधनुरे श्यामसुंदर
· भारतीय नवजागरण और स्त्री हस्तक्षेप: डॉ. संध्या प्रेम एवं उर्मिला कुमारी
· मैत्रयी पुष्पा की कहानियों में व्यक्त नारी समस्याएं: प्रो. हेमल बहन एम. व्यास
· ‘वज्रमणि’ उपन्यास में नारी चेतना: अरुण कुमार निषाद
· ‘आज बाज़ार बंद है’ में महिलाओं की दारुण दशा: दिलना के.
· प्रेमचंद की नारी दृष्टि: हेमलता गुप्ता
· वैष्णव भक्त मीरा के काव्य में स्त्री विमर्श: निर्मल सिंह
· विद्यानिवास मिश्र के निबंधों में पारंपरिक नारी स्वर: सत्यप्रकाश तिवारी
बाल- विमर्श
· हिंदी कथा साहित्य में बालकों की सामाजिक समस्या अशिक्षा का वर्णन: विश्लेष्णात्मक अध्ययन- मनीष खारी
· बच्चे का मन तो नहीं बीमार: अभिषेक कांत पाण्डेय भड्डरी
भाषिक- विमर्श
· हिंदी भाषा शिक्षण हेतु वेब आधारित सामग्री का मूल्यांकन: संजय कुमार
शिक्षा- विमर्श
· मुस्लिम परिवारों में स्त्री शिक्षा: अंजुम
· विद्यार्थी को पतन की ओर ले जाती माता-पिता की महत्वाकांक्षा: पंकज ‘प्रखर’
समसामयिक विषय
· माओवादी हिंसा: इतिहास, दर्शन, मनोविज्ञान और परिणाम: अम्बिकेश कुमार त्रिपाठी
· सत्य, सत्याग्रह, शूद्र, दलित और भारतीय नैतिकता: संजय जोठे
· नोटबंदी सफल या असफल एक पुनरावलोकन: शौभा जैन
· अमेरिका की कवयित्रियों की मनोभूमि: डॉ. अनिता कपूर (केलिफोर्निया)
· साम्प्रदायिकता का संदर्भ और कितने पाकिस्तान: आलोक कुमार सिंह
· “This is the most dangerous time for our planet” लेख के माध्यम से वर्त्तमान पर्यावरण इत्यादि की समस्या का आंकलन: राजकुमार झांझरी
· आधी आबादी का आरक्षण और विवाद: राकेश कुमार
शोध आलेख
· हंस की दृष्टि और हिंदी का ‘नारीवाद’: संजीव कुमार
· नक्सलबाड़ी की सांस्कृतिक चेतना और वेणुगोपाल: प्रियंका कुमारी
· फाँस : उपेक्षित भारतीय किसान की मूक चीख: राजश्री सिंह
· हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता का समकाल: आबिद हुसैन
· साहित्य और साहित्य-सिद्धांतों की आवश्यकता: डॉ. शिप्रा किरण
· प्राचीन भारतीय इतिहास में विकास की अवधारणा : मौर्य और गुप्त काल के विशेष संदर्भ में- प्रदीप कुमार मिश्रा
· साहित्येतिहास इतिहास या साहित्य: रीता दुबे
· प्रयोग और प्रगतिशीलता के आलोक में शमशेर: ललन कुमार
· ‘आर्थिक दुर्बलता के कारण सामंती व्यवस्था का शिकार होती दलित स्त्रियाँ’ (हिंदी मराठी दलित उपन्यासों के संदर्भ में): माधनुरे श्यामसुंदर
· बाल्मीकि: प्रदत्त व्यापक ज्ञान- डॉ. नीलाक्षी जोशी
· भक्तिकाल में निम्नवर्ग का योगदान: विजय
· भीष्म साहनी का उपन्यास: सृजन और सन्दर्भ- देविंदर सिंह
· मानव मूल्य और मोहन राकेश का साहित्य: नवमी एम.
· मुर्दहिया: दलित साहित्य का समाजशास्त्र- परषोत्तम कुमार
· हिंदी के मुस्लिम उपन्यासकारों के उपन्यासों में चित्रित व्यक्ति और समाज: एक अनुशीलन- कामिनी
· मध्यकालीन गुजराती मुस्लिम-संत की हिंदी-वाणी
· और समसुद्दीन बाबा की प्रासंगिकता - डॉ. सोमाभाई पटेल
· स्त्री वेदना के अनुद्घाटित पक्ष –अभिज्ञानशाकुन्तलम् डॉ के. आर .माहिया एवं डॉ विमलेश शर्मा
· रघुवीर सहाय की काव्य दृष्टि: डॉ. नवाब सिंह
· समसामायिक समस्याओं के केंद्र में रतिनाथ की चाची: सरसिज कुमार सिंह
· भारतेंदुयुगीन नाटकों की आलोचना: विनय कुमार गुप्ता
· जाम्भोजी का मानवीय मूल्य, समाज बोध और सबदवाणी -डॉ. मोहसिन ख़ान
· आत्मकथा का विकास: जगदीश सिंह
· पूर्वोत्तर भारत का लोकसाहित्य और उसकी विशेषताएँ: वीरेन्द्र परमार
· भक्ति आंदोलन और देवीशंकर अवस्थी की आलोचना दृष्टि: विजय कुमार गुप्ता
· ‘नौकर की कमीज': एक आलोचनात्मक अध्ययन- नीरज कुमार चौधरी
· नयी कविता और लघु मानव का सिद्धांत: अनिरुद्ध कुमार यादव
साक्षात्कार
· डॉ. सुशीला टाकभौरे जी से राजेंद्र कुमार की बातचीत
अनुवाद
· सामाजिक-सांस्कृतिक बदलाव में अनुवाद की भूमिका: रक्षा कुमारी झा
· दुनिया का सबसे रूपवान डूबा हुआ आदमी (अनुदित लातिनी अमेरिका कहानी)(मूल लेखक: मार्खेज़): अनुवादक: सुशांत सुप्रिय
नव-लेखन
· राजस्थान के सुरक्षा प्रहरी दुर्ग: डॉ. चित्रा तंवर
· जियो उस प्यार में जो मैंने तुम्हे दिया है- अज्ञेय: डॉ. विनायक काले
· अज्ञेय परिचय: सूरज कुमार प्रसाद
प्रवासी साहित्य
· प्रवासी एवं भारतीय महिला कथा साहित्य में नारी उत्पीडन एवं सशक्तिकरण: सोनिया माला
आवरण चित्र: अशोक भौमिक
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